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एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में रहने वाली एक प्यारी सी लड़की, राधा, और एक सीधा-सादा लड़का, मोहन। राधा और मोहन बचपन से ही एक-दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। उनका प्यार और मित्रता इतनी गहरी थी कि गाँव के लोग उन्हें एक आदर्श जोड़ी मानते थे।

राधा और मोहन ने एक-दूसरे के साथ अपने सपनों और खुशियों को साझा किया था। उनके जीवन में खुशी और प्यार का उजाला था। लेकिन भाग्य का खेल कुछ और ही था। मोहन के पिता का अचानक देहांत हो गया, और घर की जिम्मेदारियों का बोझ मोहन पर आ पड़ा। उसे शहर में नौकरी करने जाना पड़ा, ताकि वह अपने परिवार की देखभाल कर सके।

राधा और मोहन का बिछड़ना दोनों के लिए बहुत कठिन था। शहर की जिंदगी में मोहन ने अपने दिल की धड़कनों को राधा के नाम कर दिया था। वह हर दिन राधा के खतों का इंतजार करता और अपने खतों में अपनी सारी भावनाएँ व्यक्त करता। लेकिन समय बीतता गया और राधा के खत कम होते गए।

एक दिन, मोहन को एक खबर मिली कि राधा की शादी हो रही है। यह सुनकर मोहन का

दिल टूट गया। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसकी राधा किसी और की हो जाएगी। वह तुरंत गाँव लौटने का फैसला किया, लेकिन जब तक वह पहुँचा, राधा की शादी हो चुकी थी।

राधा के माता-पिता ने उसकी शादी एक अमीर घराने में कर दी थी। राधा ने मोहन का इंतजार किया था, लेकिन परिवार के दबाव और परिस्थितियों ने उसे मजबूर कर दिया। जब मोहन राधा से मिलने गया, तो दोनों की आँखों में आँसू थे। वे एक-दूसरे के सामने खड़े थे, लेकिन उनके बीच अब एक अटूट दीवार खड़ी हो चुकी थी।

राधा ने मोहन से कहा, “हमारे प्यार ने हमें यहाँ तक पहुँचाया, लेकिन भाग्य ने हमें अलग कर दिया। मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहती थी, लेकिन अब यह संभव नहीं है।”

मोहन ने राधा को आखिरी बार गले लगाया और बोला, “तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है। मैं तुम्हें हमेशा प्यार करता रहूँगा।”

दोनों के दिलों में दर्द था, लेकिन उन्होंने एक-दूसरे को समझा और अलविदा कहा। मोहन ने अपने गाँव को छोड़ दिया और शहर में वापस आ गया, जहाँ उसने अपने जीवन को फिर से सँवारने की कोशिश की।

वह कभी राधा को नहीं भूला, और राधा भी अपने नए जीवन में मोहन की यादों के साथ जीती रही। उनकी कहानी अधूरी रह गई, लेकिन उनके प्यार की गहराई और सच्चाई ने उन्हें अमर कर दिया।

यह एक दुखभरी प्रेम कहानी थी, जिसमें प्यार तो था, लेकिन उनका साथ नहीं था।

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